तीजा पोरा
तीजा पोरा ************* तीजा पोरा आत हे, एती भाटों के करलई देखे नइ जात हे। दीदी ह मने मन में हांसत हे , भाटों ह जाग जाग के खांसत हे । दीदी ह अपन कपड़ा लत्ता ल जोरत हे , भाटों ह मने मन में रोवत हे । दीदी ह फोन कर करके बलावत हे , भाटों के जीव ल अऊ जलावत हे । दीदी ह जाय के जोरा करत हे , एती भाटों के नींद नइ परत हे । तीजा पोरा आत हे एती भाटों के करलई देखे नइ जात हे। दीदी ह मइके में तेलई बइठे हे , एती भाटों ह भूख के मारे अइठे हे । एक बेर के रांधे ल , भाटों दू बेर खावत हे , ओती दीदी ह घेरी बेरी लोटा धरके जावत हे । एती भाटों के पेट ह सप सप करत हे , ओती दीदी ह बरा सोंहारी खाके फस फस करत हे । रचना महेन्द्र देवांगन "माटी" (बोरसी - राजिम वाले ) 9993243141