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भाजी पाला

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भाजी पाला किसम किसम के भाजी पाला , बारी मा बोंवाये हे । चेंच अमारी कांदा भाजी , सुघ्घर के उलहाये हे ।।1।। भाजी पाला खाथे जेहा , नइ तो बीमारी होवे । खून बढ़ाथे अब्बड़ संगी , जिनगी भर नइ तो रोवे ।।2।। सबो विटामिन मिलथे सुघ्घर  , भाजी पाला खाये ले । पइसा भी मिलथे गा अब्बड़  , बारी मा उपजाये ले ।।3।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353 mahendradewanganmati@gmail.com ताटंक छंद 16 + 14 = 30 मात्रा पदांत  -- 3 गुरु अनिवार्य

पानी बरसत

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पानी बरसत रिमझिम रिमझिम पानी बरसत , टपकत हे परवा छानी । लइका मन हा  नाचय कूदय , खेलत हे आनी बानी ।।1।। गाँव गली मा पानी भरगे , अब्बड़ बोहाये रेला । भाजी पाला सब बोहागे , ढुलगत हे सब्जी ठला  ।।2।। नोनी बाबू  पानी खेलय ,  छोड़य कागज के डोंगा । कूद कूद के नाचत हावय , बजा बजा के गा पोंगा ।।3।। घर मा तेलइ बइठे दाई ,  राँधत हे भजिया चीला । कुरिया भीतर खुसरे सबझन  , खावत हे माई पीला ।।4।। महेन्द्र देवांगन "माटी" पंडरिया  (कवर्धा) छत्तीसगढ़ 8602407353 mahendra Dewangan Mati ***************************** ताटंक छंद 16 + 14 = 30 मात्रा पदांत में 3 गुरु अनिवार्य