लहरा ले ले
छन्न पकैया छन्न पकैया , लहरा ले ले भैया । पाप सबो कट जाही तोरे , हावय गंगा मैया ।।1।। छन्न पकैया छन्न पकैया, दान धरम ला कर ले । नाम तोर रहि जाही जग मा , पुन के झोली भर ले ।।2।। छन्न पकैया छन्न पकैया , करथे जेहा सेवा । कभू दुखी नइ होवय संगी , खाथे वोहा मेवा ।।3।। छन्न पकैया छन्न पकैया , बोलव मीठा बानी । सेवा करले मातु पिता के , झन कर आना कानी ।।4।। छन्न पकैया छन्न पकैया , माटी के चोला हा संगी , माटी मा मिल जाही ।। ******************* मात्रा ---- 16 + 12 = 28 ये हर सार छन्द के एक किसम हरे । येमा "छन्न पकैया छन्न पकैया" एक टेक बरोबर शुरु मा आथे । बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे । महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया (कबीरधाम ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati