सावन झूला
सावन झूला सावन महीना आ गे संगी , चलव झूला झुलबो । सखी सहेली सबो संगी, एके जगा मा मिलबो । अब्बड़ मजा आही बहिनी , जब झूला मा झुलबो । जाबो अमरइया के तीर मा , एके जगा सब मिलबो । मंदिर जाबो सबो झन हा , शिव भोला ल मनाबो । दूध दही अउ नरियर भेला, मन श्रद्धा से चढाबो । औघड़ दानी शिव भोला हे , सब ला देथे वरदान । नियम पूर्वक श्रद्धा से, करथे जे ओकर मान । सावन के सोमवारी मा , रहिबो हम उपवास । जल चढाबो रोज के, पूरा करही आस । रचना प्रिया देवांगन "प्रियू" पंडरिया (कवर्धा ) छत्तीसगढ़ priyadewangan1997@gmail.com