Posts

Showing posts with the label छन्न पकैया छन्द

छन्न पकैया

छन्न पकैया छन्न पकैया छन्न पकैया,  आया नया जमाना । बात नहीं अब माने बच्चा , दिनभर गाये गाना ।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , जूता पहने बाटा । पैर नहीं छूते हैं अब तो , केवल करते टाटा ।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , घूमे बनकर हीरो । धूम धड़ाका करते रहते ,  पढ़ने में है जीरो ।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , बात करे वह चोखा । मीठी मीठी बातें करके  , देते सबको धोखा ।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , राज बहुत है गहरा । छूप छूप कर बातें करते , देते रहते पहरा ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353

किशन कन्हैया

Image
किशन कन्हैया छन्न पकैया पकैया  , नाचे किशन कन्हैया । गोप ग्वाल सब ताली पीटे,  नाचत ताता थैया ।।1।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , मुरली मधुर बजाये । बंशी के धुन सुन के भैया  , राधा दौड़त आये ।।2।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , गइया रोज चराये । एती ओती गइया भागे , छेंक छेंक के लाये ।।3।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , गोप ग्वाल सब आये । चुपके चुपके घर मा जाके  , माखन मिश्री खाये ।।4।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , मोहन खावय रोटी । उड़ के आथे कौवा संगी , धर के लेगे बोटी ।।5।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , पुक खेले बर जाये । एक लात जब कस के मारे  , यमुना मा फेंकाये ।।6।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , यमुना अब्बड़ गहरा । शेषनाग हा बइठे हावय , देवत वोहा पहरा ।।7।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , शेषनाग फुफकारे । जाके यमुना भीतर मोहन  , कूद कूद के मारे ।।8।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , मटकी सबके फोड़े । मुसकिल होगे जाना संगी  , कोनों ला नइ छोड़े ।।9।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , मोहन रास रचाये । ग्वाल बाल अउ राधा नाचय , अबड़ मजा जी पाये ।।10।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ @Mahendra Dewangan Mati

गेंड़ी

Image
छन्न पकैया छन्न पकैया, सावन आ गे भइया । हरियर हरियर चारों कोती, चरे घास ला गइया ।। छन्न पकैया छन्न पकैया,  कर ले नाँगर पूजा । मया प्रेम ला राखे रहिबे, झन करबे तैं दूजा ।। छन्न पकैया छन्न पकैया,  लइका चढहे गेड़ी । रिच्चिक रिच्चिक बाजत हावय , मचय उठा के एड़ी ।। छन्न पकैया छन्न पकैया,  घर घर खोंचय डारा । बइगा मन हा घूमत संगी , ए पारा वो पारा ।। **********************    मात्रा ---- 16 + 12 = 28 ये हर सार छन्द के एक किसम हरे । येमा "छन्न पकैया छन्न पकैया" एक टेक बरोबर शुरु मा आथे । बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे । महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया  (कबीरधाम ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati

लहरा ले ले

Image
छन्न पकैया छन्न पकैया  , लहरा ले ले भैया । पाप सबो कट जाही तोरे , हावय गंगा मैया ।।1।। छन्न पकैया छन्न पकैया,  दान धरम ला कर ले । नाम तोर रहि जाही जग मा , पुन के झोली भर ले ।।2।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , करथे जेहा सेवा । कभू दुखी नइ होवय संगी , खाथे वोहा मेवा ।।3।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , बोलव मीठा बानी । सेवा करले मातु पिता के , झन कर आना कानी ।।4।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , माटी के चोला हा संगी  , माटी मा मिल जाही ।। *******************   मात्रा ---- 16 + 12 = 28 ये हर सार छन्द के एक किसम हरे । येमा "छन्न पकैया छन्न पकैया" एक टेक बरोबर शुरु मा आथे । बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे । महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया  (कबीरधाम ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati

बरसा पानी

Image
छन्न पकैया छन्न पकैया  , आ गे बरसा पानी । नदियाँ नरवा लहरा मारे , होय करेजा चानी ।।1।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , डोंगा हा लहरावे । काँपत हावय पोटा संगी , कइसे पार लगावे ।।2।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , पानी पूरा भरगे । बूड़त हावय गाँव गली हा,  कतको मनखे मरगे ।।3।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , राहत दल हा आइस । जान अपन जोखिम मा डारे , लइका लोग बचाइस ।।4।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , परलय हा जब आथे । बड़े बड़े जी महल अटारी  , माटी मा मिल जाथे ।।5।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , कतको राहय चोखा । ऊपर वाला के आघू मा , खा जाथे जी धोखा ।।6।। **************** मात्रा ---- 16 + 12 = 28 ये हर सार छन्द के एक किसम हरे । येमा "छन्न पकैया छन्न पकैया" एक टेक बरोबर शुरु मा आथे । बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे । महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया  (कबीरधाम ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati

नशा पान

Image
छन्न पकैया छन्न पकैया  , नशा पान ला छोड़ो । होथे जी बीमारी अब्बड़  , एकर से मुँह मोड़ो ।।1।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , गुटखा जेहा खाथे । केंसर होथे वोला संगी ,  अब्बड़ दुख ला पाथे ।।2।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , नशा पान जे करथे । किसम किसम बीमारी होथे  , जल्दी वोहा मरथे ।।3।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , हावय जेहा आदी । पइसा कौड़ी कुछु नइ बाँचे  , हो जाथे बरबादी ।।4।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , पी के  जेहा सुतथे । घोंडे रहिथे सूरा जइसे  , कुकुर मुँहू मा मुतथे ।।5।। छन्न पकैया छन्न पकैया  , जेहा पीथे खाथे । देंह खोखला हो जाथे अउ , माटी मा मिल जाथे ।।6।। ******************* मात्रा ---- 16 + 12 = 28 ये हर सार छन्द के एक किसम हरे । येमा "छन्न पकैया छन्न पकैया" एक टेक बरोबर शुरु मा आथे । बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे । महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया  (कबीरधाम ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati