आ गे हरेली तिहार


आ गे हरेली तिहार  (गीत)

आगे आगे हरेली तिहार जी संगी , जुरमिल सबे मनाबो ।
नांगर बइला के पूजा करबो , चाँउर के चीला चढाबो ।।
आगे आगे हरेली तिहार ..............................

हरियर हरियर दिखत हे भुइयाँ ,खेती खार लहराये ।
छलकत हावय नदियाँ तरिया,  सबे के मन ला भाये ।।
छत्तीसगढ़ के सुघ्घर माटी,  माथे तिलक लगाबो ।
आगे आगे हरेली तिहार ..................... ..........

नांगर बक्खर के पूजा करबो , गरुवा ल लोंदी खवाबो ।
राउत भैया मन राखे रहिथे , दसमूल कांदा खाबो ।।
हरियर हरियर लीम के डारा , घर घर आज लगाबो ।
आगे आगे हरेली तिहार ................................

बरा सोंहारी ठेठरी खुरमी , चीला के भोग लगाबो ।
खो खो कबड्डी फुगड़ी बिल्लस , सब्बो खेल खेलाबो ।।
लइका मन सब गेड़ी मचही , सबझन खुशी मनाबो ।
आगे आगे हरेली तिहार .................................

गीतकार
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati


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