नाग पंचमी


" नागपंचमी " के तिहार

हिन्दू समाज में देवी - देवता के पूजा करे के साथ - साथ पशु - पक्षी अऊ पेंड़ - पौधा के भी पूजा  करे  के  रिवाज हे । सब जीव - जन्तु उपर दया करना हिन्दू समाज के परम्परा हरे । उही परंपरा के अंतर्गत हमर समाज में सांप के भी पूजा करे जाथे ।
सावन महीना के अंजोरी पाँख के पंचमी के दिन नाग देवता के पूजा करे जाथे । ये दिन नाग पंचमी के रूप में मनाये जाथे । नाग पंचमी के दिन गाँव - गाँव में विशेष उत्साह रहिथे । ये दिन धरती ल खोदना मना रहिथे । आज के दिन नाग देवता ल दूध पियाय के परंपरा हे । एकर पहिली माटी के नाग देवता या चित्र बनाके ओकर पूजा करे जाथे ।
नारियल, धूप , अगरबत्ती जलाके दूध चढ़ाये जाथे अऊ कोनो परकार के हानि मत पहुंचाय कहिके विनती करे जाथे ।

आज के दिन गाँव - गाँव में कुसती प्रतियोगिता होथे । जेमे आसपास के बड़े - बड़े पहलवान मन आके अपन दांव पेंच देखाथे , अऊ वाहवाही लूटथे ।

हमर देश ह कृषि प्रधान देश हरे । खेत मन में सांप ह  रहिथे अऊ जीव - जन्तु ,  मुसवा आदि मन फसल ल नुकसान पहुंचाथे ओकर से भी रकछा करथे ।
एकरे पाय एला छेत्रपाल भी  कहे जाथे ।

साप ह बिना कारन के कोनो ल नइ काटे । जेहा ओला नुकसान पहुंचाथे या मारे के कोशिश करथे उही ल काटथे अइसे कहे जाथे ।

नाग पंचमी के एक पौराणिक कथा हाबे ।
एक किसान अपन परिवार सहित राहत रहिस । ओकर दू बेटा अऊ एक बेटी  रहिस । एक दिन किसान ह अपन खेत में नांगर जोतत रहिस त माटी के नीचे दबे सांप के तीन ठन पिला ह मरगे । अपन पिला मन ल मरे देखके नागिन ह बहुत दुखी होइस अऊ बदला लेके ठान लीस ।
रात कुन जब किसान के पूरा परिवार सुते रहिस त नागिन ह आके किसान ओकर बाई अऊ दूनो बेटा  ल चाब के भागगे ।

 ओकर बाद दूसर दिन नागिन ह जब लड़की ल चाबे बर आइस त लड़की ह ओला देख डरिस अऊ दूध के कटोरा ल ओकर आघू में मढ़ा दीस अऊ हाथ जोड़ के छमा मांगिस ।

 ओकर कलपना ल देखके नागिन ल दया आगे अऊ खुश होके वरदान मांगे ल बोलीस । त लड़की ह अपन दाई ददा अऊ दूनो भाई ल जिंदा करें के वर मांगिस । त नागिन ह तथास्तु कहिके जिंदा कर दीस ।

वो दिन से पंचमी के दिन नाग पूजा  करे के परंपरा चलगे । आज के दिन खेत में कोनो नांगर नइ चलायें अउ जमीन ल भी नइ खोदे ।
आज के दिन जेहा सच्ची श्रध्दा भक्ति से नाग देवता के पूजा करथे ओला नाग देवता के आशीरवाद मिलथे अऊ ओला सांप ह नइ काटे ।
जय नाग देवता।
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लेख
महेन्द्र देवांगन "माटी"
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला-- कबीरधाम ( छ. ग )
मो.- 8602407353

Mahendra Dewangan Mati


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