हाय रे मोर गोंदा फूल

हाय रे मोर गोंदा फूल 

हाय रे मोर गोंदा फूल , आँखी आँखी तैंहा झूल ।
चुकचुक ले दिखथस तैंहा , कइसे जाहूँ तोला भूल ।।
मोहनी कस रुप हे तोर , लेथस तैंहा जीव ला मोर ।
का जादू तैं डारे हावस , आथँव मँय हा तोरेच ओर ।।
अबड़ ममहाथस महर महर , दिखथस तैंहा चारो डहर ।
आजकाल हे तोरे लहर , बरसाथस तैं अबड़ कहर ।।
लागय झन अब तोला नजर,  हाँसत रहिथस बड़े फजर ।
छोड़बे झन तैं आधा डगर , बन जा तैंहा मोर गजल ।।
हाय रे मोर गोंदा फूल , ...............................

महेन्द्र देवांगन माटी 
पंडरिया  ( कवर्धा) 
छत्तीसगढ़ 

mahendradewanganmati@gmail.com


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