गजरा वाली

गजरा वाली
( कुण्डलियाँ)
गजरा डारय बाल मा , आँखी ला मटकाय ।
चटक मटक हे रेंगना , बेनी ला लहराय ।।
बेनी ला लहराय , माथ मा बिन्दी चमके ।
कनिहा ला मटकाय , हाथ मा चूरी खनके ।
लाल गुलाबी होंठ , गजब के मारय नखरा ।
नागिन जइसे चाल , खोंच के रेंगय गजरा ।

चूरी पहिरे हाथ मा , खनर खनर खनकाय ।
बेनी गजरा डार के , महर महर ममहाय ।।
महर महर ममहाय , पाँव मा पहिरे पायल ।
मारे तिरछी नैन , करे वो सबला घायल ।
लाल लाल हे होंठ , चलाये दिल में छुरी ।
नथली पहिरे नाक  , बजाये अब्बड़ चूरी।।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati

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