सर्दी आई


सर्दी आई
( चौपाई छंद)
सुबह सुबह अब चली हवाएँ  । सर्दी आई जाड़ा लाए ।
ओढे कंबल और रजाई । हाथ ठिठुरते देखो भाई ।।
धूप लगे अब बड़े सुहाना  । बाबा बैठे गाये गाना ।।
भजिया पूड़ी सबको भाये । गरम गरम चटनी सँग खाये ।।
टोपी पहने काँपे लाला । आँखों में है चश्मा  काला ।।
आते झटपट खोले ताला । राम नाम का जपते माला ।।
बच्चे आते शोर मचाते । लाला जी को बहुत सताते ।।
धूम धड़ाका करते बच्चे । लेकिन मन के बिल्कुल सच्चे ।।
ताजा ताजा फल को खाओ । रोज सबेरे घूमने जाओ ।।
सुबह शाम अब दौड़ लगाओ । बीमारी सब दूर भगाओ ।।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
mahendra Dewangan Mati
8602407353

Comments

Popular posts from this blog

तेरी अदाएँ

अगहन बिरसपति

वेलेंटटाइन डे के चक्कर