जय अंबे माँ
जय अंबे माँ
माता जी के चरणों में मैं , अपना शीश झुकाता हूँ ।
कृपा आपकी बनी रहे माँ , नित नित भजन सुनाता हूँ ।।
जगमग जगमग ज्योत जले हैं , माता के दरबारों में ।
रँग रंगोली सजे हुए हैं , सुंदर तोरण द्वारों में ।।
सिंह वाहिनी दुर्गा माता , चरणों पुष्प चढाता हूँ ।
कृपा आपकी बनी रहे माँ , नित नित भजन सुनाता हूँ ।।
नाच रहे सब झूम झूमकर , भक्तों की आई टोली ।
शरण पड़े हैं भक्त तुम्हारे , भर दे माँ खाली झोली ।।
जब जब संकट आये माता , पास तुम्हारे आता हूँ ।
कृपा आपकी बनी रहे माँ , नित नित भजन सुनाता हूँ ।।
माँ ममता की मूरत है तू , कृपा सदा बरसाती है ।
पूजे जो भी सच्चे दिल से , घर में खुशियाँ लाती है ।।
पूजा पाठ न जानूं माता , माटी दीप जलाता हूँ ।
कृपा आपकी बनी रहे माँ , नित नित भजन सुनाता हूँ ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendra Dewangan Mati
ताटंक छंद
16 + 14 = 30 मात्रा
पदांत --- 3 गुरु
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