पानी बरसत

पानी बरसत

रिमझिम रिमझिम पानी बरसत , टपकत हे परवा छानी ।
लइका मन हा  नाचय कूदय , खेलत हे आनी बानी ।।1।।

गाँव गली मा पानी भरगे , अब्बड़ बोहाये रेला ।
भाजी पाला सब बोहागे , ढुलगत हे सब्जी ठला  ।।2।।

नोनी बाबू  पानी खेलय ,  छोड़य कागज के डोंगा ।
कूद कूद के नाचत हावय , बजा बजा के गा पोंगा ।।3।।

घर मा तेलइ बइठे दाई ,  राँधत हे भजिया चीला ।
कुरिया भीतर खुसरे सबझन  , खावत हे माई पीला ।।4।।

महेन्द्र देवांगन "माटी"
पंडरिया  (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendra Dewangan Mati
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ताटंक छंद
16 + 14 = 30 मात्रा
पदांत में 3 गुरु अनिवार्य

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