किशन कन्हैया
किशन कन्हैया
छन्न पकैया पकैया , नाचे किशन कन्हैया ।
गोप ग्वाल सब ताली पीटे, नाचत ताता थैया ।।1।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , मुरली मधुर बजाये ।
बंशी के धुन सुन के भैया , राधा दौड़त आये ।।2।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , गइया रोज चराये ।
एती ओती गइया भागे , छेंक छेंक के लाये ।।3।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , गोप ग्वाल सब आये ।
चुपके चुपके घर मा जाके , माखन मिश्री खाये ।।4।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , मोहन खावय रोटी ।
उड़ के आथे कौवा संगी , धर के लेगे बोटी ।।5।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , पुक खेले बर जाये ।
एक लात जब कस के मारे , यमुना मा फेंकाये ।।6।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , यमुना अब्बड़ गहरा ।
शेषनाग हा बइठे हावय , देवत वोहा पहरा ।।7।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , शेषनाग फुफकारे ।
जाके यमुना भीतर मोहन , कूद कूद के मारे ।।8।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , मटकी सबके फोड़े ।
मुसकिल होगे जाना संगी , कोनों ला नइ छोड़े ।।9।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , मोहन रास रचाये ।
ग्वाल बाल अउ राधा नाचय , अबड़ मजा जी पाये ।।10।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
@Mahendra Dewangan Mati
नटखट कृष्ण
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteबड़ सुघर 👌👌 लिखे हस भैय्या, गाड़ा गाड़ा बधाई 💐💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद गोस्वामी जी
Delete💐💐💐
Deleteबहुत सुंदर भइया जी
ReplyDeleteशेषनाग हा बैठे हावय देवत ओ हा पहरा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
धन्यवाद चंद्राकर जी
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