राम नाम जप ले

राम नाम जप ले

 राम नाम ला जप ले भैया,  इही काम गा सब आही ।
चारे दिन के हावय जिनगी,  सँग मा तोरे का जाही ।।1।।

कतको रखबे दौलत तैंहा , सब माटी मा मिल जाही ।
कुटुम कबीला जम्मो झन हा,  लूट लूट के गा खाही ।।2।।

मया मोह के फांदा संगी , बगरे हावय सब कोती ।
झूठ लबारी सुघ्घर दिखथे,  जाबे झन तैंहर ओती ।।3।।

सत के रस्ता चलबे तैंहा , पाप सबो गा कट जाही ।
दया मया ला राखे रहिबे,  गुन ला तोरे सब गाही ।।4।।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया  (कवर्धा)
छत्तीसगढ़

कुकुभ छंद
मात्रा  --- 16 + 14 = 30
अंत में दो गुरु अनिवार्य

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