झंडा ला फहराबो

देश हमर हे सबले प्यारा , येकर मान बढ़ाबो ।
नइ झूकन देन हम तिरंगा , झंडा ला फहराबो ।।
भेदभाव ला छोड़ के सँगी , सब झन आघू बढ़बो ।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई , मिल के हम सब लड़बो ।।
अपन देश के रक्षा खातिर , बाजी सबो लगाबो ।
नइ झूकन देन हम तिरंगा  , झंडा ला फहराबो ।।

रानी लक्ष्मी बाई आइस , अपन रूप देखाइस ।
गोरा मन ला मार काट के  , सब ला मजा चखाइस ।।
हिलगे सब अंग्रेजी सत्ता  , ओकर गुन हम गाबो ।
नइ झूकन देन हम तिरंगा  , झंडा ला फहराबो ।।

आन बान अउ शान तिरंगा  , लहर लहर लहराबो ।
देश विदेश जम्मो जगा मा , येकर यश फइलाबो ।।
भारत भुँइया के माटी ला , माथे तिलक लगाबो ।
नइ झूकन देन हम तिरंगा  , झंडा ला फहराबो ।।
*****************

नियम -- मात्रा 16 + 12 = 28
तुकांत के नियम  --- दू दू डाँड़ मा ( सम सम चरण मा ) आखिर मा एक बड़कू ( गुरु ) या दू नान्हे  (लघु ) होना चाहिए ।
तुकांत मा दू बड़कू (गुरु ) आये ले छन्द अउ गुरतुर हो जाथे ।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया  ( कवर्धा )
छत्तीसगढ़
@Mahendra Dewangan Mati

Comments

Popular posts from this blog

तेरी अदाएँ

अगहन बिरसपति

वेलेंटटाइन डे के चक्कर