राखी के तिहार

राखी के तिहार
(महेन्द्र देवांगन माटी )
सावन के पावन महीना में, आइस राखी तिहार ।
राखी के बंधन में हावय , भाई बहन के प्यार ।
सजे हावय दुकान में,  आनी बानी के राखी ।
कोन ला लेवँव कोन ला छोंड़व , नाचत हावय आँखी ।
छांट छांट के बहिनी मन , राखी ला लेवत हे ।
किसम किसम के मिठाई ले के , पइसा ला देवत हे ।
भैया के कलाई में,  राखी ला बांधत हे ।
रक्षा करे के वचन,  भाई से मांगत हे ।
भाई बहिन के पवित्र प्रेम,  सबले हावय प्यारा ।
हमर देश के संस्कृति,  सबले हावय न्यारा ।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया  (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati

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