आबे हमर गाँव
आबे हमर गाँव (सरसी छन्द )
आबे तैंहर गाँव हमर जी, बर पीपर के छाँव ।
देखत रइहूँ रस्ता तोरे, माटी मोरे नाँव ।।
चारों कोती हरियर हरियर , हावय खेती खार ।
गाय चरावत रहिथे भोला , बइठे तरिया पार ।।
बारी बखरी बोंथय सबझन, लामे रहिथे नार ।
रहिथे सुघ्घर हिलमिल के सब , जुड़े मया के तार ।।
पहुना आथे घर मा कोनों, कँउवा करथे काँव ।
सबला सकला करके दाई, बइठे परछी छाँव ।।
लोटा मा जी पानी दे के, पहुना पाँव पखार ।
मान गउन सब करथे ओकर, हिरदय मया अपार ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati
मात्रा --- 16 + 11 = 27
सम चरण के आखिर मा बड़कू लघु (गुरु लघु )
2 , 1 होना चाहिए ।
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