पर्यावरण दोहे
पर्यावरण पेड़ लगाओ मिल सभी, देते हैं जी छाँव । शुद्ध हवा सबको मिले , पर्यावरण बचाव ।।1।। पेड़ों से मिलती हमें , लकड़ी फल औ फूल । गाँव गली में छोरियाँ , रस्सी बाँधे झूल ।।2।। पर्यावरण विनाश से, मरते हैं सब लोग । कहीं बाढ़ सूखा कहीं, जीव रहे हैं भोग ।।3।। जब जब काटे वृक्ष को , मिलती उसकी आह । भुगत रहे प्राणी सभी , ढूँढ रहे हैं राह ।।4।। सड़क बनाते लोग हैं , वृक्ष रहे हैं काट । पर्यावरण विनाश कर , देख रहे हैं बाट ।।5।। पानी डालो रोज के , पौधे सभी बचाव । मत काटो तुम पेड़ को , मिलजुल सभी लगाव ।।6।। पंछी बैठे डाल में , फुदके चारों ओर । चींव चींव करते सभी , होते ही वह भोर ।।7।। पेड़ों से मिलती हवा , श्वासों का आधार । कट जाये यदि पेड़ तो , टूटे जीवन तार ।।8।। माटी में मिलते सभी , सोना चाँदी हीर । पर्यावरण बचाय के , समझो माटी पीर ।।9।। दो दिन की है जिंदगी , समझो इसका मोल । माटी बोले प्रेम से , सबसे मीठे बोल ।।10।। महेन्द्र देवांगन "माटी" पंडरिया (कवर्धा ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati 30/08/2018