छत्तीसगढ़ के खजुराहो - भोरमदेव
छत्तीसगढ़ के खजुराहो -भोरमदेव ***************************** छत्तीसगढ़ में घुमे फिरे के बहुत अकन जगा हाबे । जंगल, परवत, झरना, घाटी,ऐतिहासिक जगा, मंदिर आदि मन ह बहुतेच सुंदर अऊ मनमोहक हे। इंहा के प्राकृतिक सुंदरता ह देखे के लायक हे।एकरे पाय बहुत झन बिदेशी मनखे मन ह छत्तीसगढ़ में घूमे ल आथे अऊ बहुत तारिफ भी करथे । अइसने एक जगा हे कवर्धा जिला में, कवर्धा से 18कि मी दूर भोरमदेव मंदिर ।ए मंदिर ह एक हजार साल पुराना हे अऊ इंहा के सुन्दरता ह देखे के लायक हे। ए मंदिर के चारो डाहर घनघोर जंगल अऊ बड़े जान पहाड़ हाबे ।एकरे बीच में भोरमदेव के मंदिर हे जेमे शिव जी विराजमान हे। बनावट -भोरमदेव मंदिर ह छत्तीसगढ़ में ही नही बल्कि पूरा दुनिया के नकशा में परसिद्ध होंगे हे। मंदिर के चारो डाहर बहुत बड़े विशाल मैकल पर्वत समूह हे।एकर चारों तरफ बड़े बड़े घाटी अऊ घनघोर जंगल हाबे। मंदिर के आघू में एक ठन बहुत बड़े तरिया हे।तरिया के पानी बहुत साफ अऊ मीठा हे।ए तरिया ह बहुत गहरा हे।आजकाल एमे बोट चलथे ।परयटक मन ह मनोरंजन खातिर नाव में चढ़थे अऊ नौका विहार के आनंद लेथे ।तरिया में कमल के फूल भी खिले रहिथे, जेहा