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Showing posts from January, 2017

छत्तीसगढ़ के खजुराहो - भोरमदेव

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छत्तीसगढ़ के खजुराहो -भोरमदेव  ***************************** छत्तीसगढ़ में घुमे फिरे के बहुत अकन जगा हाबे । जंगल, परवत, झरना, घाटी,ऐतिहासिक जगा, मंदिर आदि मन ह बहुतेच सुंदर अऊ मनमोहक हे। इंहा के प्राकृतिक सुंदरता ह देखे के लायक हे।एकरे पाय बहुत झन बिदेशी मनखे मन ह छत्तीसगढ़ में घूमे ल आथे अऊ बहुत तारिफ भी करथे । अइसने एक जगा हे कवर्धा जिला में, कवर्धा से  18कि मी दूर भोरमदेव मंदिर ।ए मंदिर ह एक हजार साल पुराना हे अऊ इंहा के सुन्दरता ह देखे के लायक हे। ए मंदिर के चारो डाहर घनघोर जंगल अऊ बड़े जान पहाड़ हाबे ।एकरे बीच में भोरमदेव के मंदिर हे जेमे शिव जी विराजमान हे। बनावट -भोरमदेव मंदिर ह छत्तीसगढ़ में ही नही बल्कि पूरा दुनिया के नकशा में परसिद्ध होंगे हे। मंदिर के चारो डाहर बहुत बड़े विशाल मैकल पर्वत समूह हे।एकर चारों तरफ बड़े बड़े घाटी अऊ घनघोर जंगल हाबे। मंदिर के आघू में एक ठन बहुत बड़े तरिया हे।तरिया के पानी बहुत साफ अऊ मीठा हे।ए तरिया ह बहुत गहरा हे।आजकाल एमे बोट चलथे ।परयटक मन ह मनोरंजन खातिर नाव में चढ़थे अऊ नौका विहार के आनंद लेथे ।तरिया में कमल के फूल भी खिले रहिथे, जेहा

छब्बीस जनवरी मनाबो

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छब्बीस जनवरी मनाबो ********************* छब्बीस जनवरी मनाबो संगी, तिरंगा हम फहराबो । तीन रंग के हमर तिरंगा, एकर मान बढाबो । ए झंडा ल पाये खातिर, कतको जान गंवाइस। कतको बीर बलिदान होगे, तब आजादी आइस । हमर तिरंगा सबले प्यारा , लहर लहर लहराबो। छब्बीस जनवरी मनाबो संगी, तिरंगा हम फहराबो। चंद्रशेखर आजाद भगतसिंह, जनता ल जुरियाइस वन्दे मातरम के नारा ल, जगा जगा लगाइस । सुभाष चंद्र बोस ह संगी, जय हिन्द के नारा बोलाइस। आजादी ल पाये खातिर, जनता ल जगाइस । वंदे मातरम के गाना ल, मिलके सबझन गाबो । छब्बीस जनवरी मनाबो संगी, तिरंगा हम फहराबो। सत्य अहिंसा के बात ल , गांधी बबा बताइस । स्वदेशी अपनाये खातिर, चरखा खूब चलाइस । देश ल आजाद करे बर, सत्याग्रह अपनाइस । गाँव गाँव में जाके , आजादी के अलख जगाइस । कतका दुख ल पाइस सबझन, कइसे हम भुलाबो छब्बीस जनवरी मनाबो संगी,तिरंगा हम फहराबो। रचना प्रिया देवांगन "प्रियू" Priya Dewangan "priyu"

तुम्हे जगाने आया हूँ

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तुम्हें जगाने आया हूँ ******************** भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ । नहीं किसी से कम हो प्यारे, ये बतलाने आया हूँ टूट पड़ो तुम दुश्मन पर, वार न खाली जा पाये । अपनी सीमा रेखा से, अंदर तक न आ पाये । वीर शिवा के वंशज हो तुम, ये बतलाने आया हूँ भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ । आंख दिखाये जो भी दुश्मन, आंख फोड़कर रख देंगे । अगर उठाये हाथ कहीं तो, हाथ तोड़कर रख देंगे । अपने बाजू में भी दम है, ये बतलाने आया हूँ । भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ । धूल चटा दो गद्दारों को ,जो गद्दारी करते हैं । धूल झोंककर आंखों में जो,अपनी जेंबे भरते हैं । वतन के तुम भी वफादार हो,ये बतलाने आया हूँ भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ । चुप नहीं बैठेंगे अब तो, ये संकल्प हमारा है । कान खोलकर सुन लो तुम भी, हिन्दुस्तान हमारा है। नहीं देंगे काश्मीर को,ये बतलाने आया हूँ । भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ । एक के बदले दस दस का अब, लाश बिछा के रख देंगे । नहीं सहेंगे तेरी हेकड़ी, नाम मिटाकर रख देंगे । भभक रही जो सीने मे अब,वो चि

तीन रंगों का प्यारा झंडा

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तीन रंगों का प्यारा झंडा ********************* तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे । कभी नही हम झुकने देंगे, आगे बढ़ते जायेंगे । कोई दुश्मन आंख उठाये, उनसे न घबरायेंगे । जान की बाजी खेलकर अपनी, हम तो इसे बचायेंगे । भारत मां के बेटे हैं हम -2, गीत प्यार के गायेंगे  कभी नही हम झुकने देंगे, आगे बढ़ते जायेंगे  आंधी आये तूफां आये , रुक नही हम पायेंगे । दुश्मन की सीना को चीरकर, आगे आगे बढ़ते जायेंगे । है अपना ये प्यारा झंडा 2, चोटी पर लहरायेंगे । कभी नही हम झुकने देंगे, आगे बढ़ते जायेंगे । भारत माता सबकी माता, सुंदर इसे बनायेंगे । भेदभाव हम नहीं करेंगे, सबको हम अपनायेंगे। शांति का संदेश लिये हम 2, नये तराने गायेंगे । कभी नही हम झुकने देंगे, आगे बढ़ते जायेंगे तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे। कभी नही हम झुकने देंगे, आगे बढ़ते जायेंगे । महेन्द्र देवांगन माटी   पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353

वंदे मातरम गाबोन

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वंदे मातरम गाबोन ******************* तीन रंग के हमर तिरंगा 2, सान से हम लहराबोन। वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन 2 देश हमर आजाद करे बर, कतको जान गंवाइस । बीर सपूत बलिदानी होगे, तब आजादी आइस । नइ झुकन देन हम तिरंगा 2, फहर फहर फहराबोन वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन । सन अटठारा सौ संतावन, लक्ष्मी बाई जब आइस काली बन के टूट परीस वो, सबला मजा चखाइस दे दीस अपन जान के बाजी 2,कइसे हम भुलाबोन । वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन । फिरंगी के राज में सबझन , कतका दुख ल पाइस। राजगुरु अऊ भगत सिंह ल, फांसी में चढाइस। हांसत हांसत झूलगे झूला 2, कुरबानी कहां भुलाबोन । वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन । सत्य अहिंसा के पुजारी, गांधी बबा ह आइस । स्वदेशी के मान रखे बर,चरखा खूब चलाइस । ओकर संदेश नइ जाय बेकार 2, स्वच्छता ल अपनाबोन । वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन । आन बान अऊ सान तिरंगा, एकर मान बढाबोन जान के बाजी देके अपन, एला हम बचाबोन । रखबो एकर लाज हमन अब 2,लहर लहर लहराबोन वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन । तीन रंग के हमर तिरंगा, सान से हम लहराब

अन्न दान के परब - छेरछेरा

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अन्नदान के परब - छेरछेरा ************************* हमर भारत देश में पूजा पाठ अऊ दान के बहुत महत्व हे। दान करे बर जाति अऊ धरम नइ लागय। हमर भारतीय संसकिरती में हिन्दू, मुसलिम, सिख, ईसाई, जैन सबो धरम के आदमी मन दान धरम करथे अऊ पून कमाथे। हमर वेद पुरान अऊ सबो धरम के गरन्थ में दान के महिमा ल बताय गेहे। हमर छत्तीसगढ़ में भी अन्नदान करे के बहुत महत्व हे। इंहा के मनखे मन बड़ दयालु हे। कोनों आदमी ल भूखन मरन नइ देख सकय। एकरे सेती दूसर परदेस के मनखे मन घलो आके इंहा बस जथे। छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा अऊ इंहा के किसान ल अन्नदाता भगवान कहे जाथे। काबर किसान मन ह अपन पूरा मेहनत अऊ पसीना ओगार के अन्न के उपज करथे अऊ सबके उदर पोसन करथे। किसान मन ह धान के ऊपज करके कूट मिंज के अपन घर में लाथे अऊ कोठी डोली में रखके साल भर तक एमे अपन खरचा घलो चलाथे। हमर भारतीय संसकिरीती में बताय गेहे के अपन कमई के दसवां भाग ल दान करना चाही तभे आदमी ल पून के परापति होथे अऊ जस के भागी बनथे। इही संसकिरती ल आघू बढ़ावत पूस पुन्नी के दिन छत्तीसगढ़ में छेरछेरा परब मनाय जाथे। छेरछेरा परब ह अन्नदान के परब आय। ए दिन छोटे बड़े लइका