काबर आथे तीजा

काबर आथे तीजा
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काबर आथे संगी तीजा,
चार दिन में हमरो निकलगे बीजा ।

बिहनिया उठ के, चाहा ल डबकावत हों ,
कभू मीठ त कभू, सीटठा ढरकावत हों ।

रतिहा के बरतन ल,बिहनिया मांजत हों,
दुवारी में कुकुर हाग देथे, वहू ल डारत हों ।

लकर धकर के रंधई में, सीध नइ परत हे ,
कभू भात चीपरी, त कभू साग ह जरत हे ।

ऊत्ता धुररा नहा के, ड्यूटी जावत हों ,
बिहनिया के रांधे ल, संझाकुन  खावत हों ।

काबर आथे संगी तीजा,
चार दिन में हमरो निकलगे बीजा ।

महेन्द्र देवांगन माटी
         पंडरिया
8602407353 ,   9993243141
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