सावन सोमवारी

सावन सोमवारी अऊ शिवजी
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सावन के महिना ह सबला सुघ्घर लागथे । रिमझिम रिमझिम पानी गिरत रथे अऊ किसान मन ह गाना गावत खेती किसानी में बुड़े रहिथे । उही समय में आथे सावन सोमवारी ।
सावन सोमवारी में शिवजी के पूजा करे में मजा आ जथे । लइका से लेके सियान तक , छोकरी से लेके डोकरी तक, सब मनखे शंकर भगवान के पूजा पाठ करथे ।
सावन मास ह शिव जी के प्रिय मास हरे । ए मास में पूजा करे से वोहा जल्दी खुस होथे अऊ मनवांछित फल देथे अइसे बताय जाथे ।
एकरे पाय पूरा भारत देस में सावन सोमवारी के दिन भोलेनाथ में जल चढाय जाथे अऊ बिसेस पूजा अरचना करे जाथे ।

पौरानिक मान्यता -- सोमवार उपवास के बारे में एक पौरानिक मान्यता हे कि ये पूजा ल माता पारवती ह शंकर भगवान ल अपन पति के रुप में  पाय बर करत रिहिसे । एकर से खुस होके भगवान शिव ह ओला मिलगे अऊ ओकर मनोकामना पूरा होगे ।
एकरे पाय कुंवारी लड़की मन भी भगवान भोलेनाथ जइसे अच्छा पति मिले कहिके उपवास रहिथे अऊ पूजा पाठ करथे ।

कावंरिया मन के टोली -- सावन मास में शंकर जी ल जल चढ़ाय बर गांव  गांव अऊ सहर सहर से कावंरिया मन टोली बनाके निकलथे । सब झन अपन अपन कांवर ल बढ़िया सजाय रहिथे अऊ खांध में बोहिके "बोल बम , बोल बम" के नारा लगावत रेंगत धुरिहा -धुरिहा के मंदिर में जाथे अऊ अपन कांवर के जल ल शंकर भगवान में चढहाथे ।

पूजा पाठ -- शंकर भगवान ल भोलेनाथ कहे जाथे ।अऊ सिरतोन ओहा बहुत भोला हे।ओकर पूजा पाठ करे बर जादा ताम झाम नइ लागे ।दूध, दही, मंदरस, चांऊर, अगरबत्ती,गुलाल,फूल अऊ बेलपत्ता यथा अनुसार चढ़ा के पूजा पाठ करे जाथे ।
शंकर भगवान ल बेलपत्ता बहुत प्रिय हे।ओकरे पाय बेलपत्ता जरुर चढाना चाहिए ।बेलपान चढाय के समय ये धियान रखना चाही के वोहा टूटे फूटे या छेदा वाला नइ होना चाहिए अऊ बेलपान ह एक डंठल में तीन पत्ती होना चाही।

पूजा के महत्व -- सावन सोमवारी के दिन पूजा पाठ करे के बिसेस महत्व हे।ये दिन पूजा करे से घर में सुख सांति अऊ समरिद्धी आथे ।
कुंवारी लड़की के जल्दी बिहाव लग जाथे ।
पढहइया लिखइया मन ल गियान के प्राप्ति होथे ।
घर में लछमी के आवक बढ जाथे ।
बेरोजगार लइका मन ल रोजगार मिल जाथे ।

मंत्र -- भगवान शिव के मंत्र ह जादा लंबा चौड़ा नइहे । मात्र "ओम नमः शिवाय" के जाप करना चाहिए ।
पूजा पाठ करत समय, बेलपत्ती चढात समय अऊ जलाभिसेक करत समय केवल "ओम नमः शिवाय " मंत्र बोलना चाहिए ।

भगवान शंकर ह औघड़ दानी हरे । वोहा सब बर किरपा करथे । जे मनखे सच्चा दिल से पूजा पाठ करथे ओकर मनोकामना जरुर पूरा होथे ।
बोलो शंकर भगवान की जय ।
ओम नमः शिवाय
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लेख
महेन्द्र देवांगन "माटी"
( बोरसी - राजिम वाले )
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला -- कबीरधाम  (छ ग )
पिन - 491559
मो नं -- 8602407353
Email - mahendradewanganmati@gmail.com

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