जय शेरों वाली माँ

"जय शेरों वाली माँ "
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जय शेरों वाली जय खप्पर वाली
शरण में आये हन तोर------2
बीच सभा में गावत हों माता-2,रख लेबे लाजे मोर जय शेरों वाली ---------------------
कोई काली कोई चंडी,कोई दुरगा कहिथे
जब जब संकट आथे माता, तोर चरन ल परथे
सबके संकट हरने वाली -2,हर ले संकट मोर
जय शेरों वाली ---------------------------------
जब जब अत्याचार बढ़ीस हे,तेंहा रूप अवतारे
करीस पुकार सब रिसि मुनि मन,ओकर संकट तारे
सबके संकट तारने वाली-2,तार दे संकट मोर
जय शेरों वाली ------------------------------------
जगमग जगमग तोर रूप हे,सबके मन ल मोहिथे
दरश करे बर तोरे माता, सब झन रददा जोहिथे
महूं आये हों तोर दरश बर,दरशन दे दे तोर
जय शेरों वाली --------------------------------
बीच सभा में -------------------------------------।।

रचना
महेन्द्र देवांगन माटी

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