मोर छत्तीसगढ़ के कोरा में

गीत
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मोर छत्तीसगढ़ के कोरा में, किसम किसम के फूल -2
हीरा कस हे इंहा के माटी-2,चंदन कस हे धूल
मोर छत्तीसगढ़ के ---------------------------------।
बड़े बड़े ज्ञानी मुनि मन,एकर कोरा में आइस -2
इही माटी में खेलकूद के, जीवन सफल बनाइस
करीस तपस्या कतको झन ह-2,कैसे जाबो भूल
मोर छत्तीसगढ़ के ---------------------------------।
इंहा के बेटा बड़े सबूत हे,मेहनत करके खाथे-2
धरती दाई के सेवा करके, धान ल उपजाथे
हरियर हरियर देख के सबके-2,मन हर जाथे झूले
मोर छत्तीसगढ़ के कोरा ------------------------।
बड़ सीधवा हे इंहा के मनखे, लड़ई झगरा नइ जाने
जाति पांति के भेद ल संगी, कभू इंहा नइ माने
सबके आदर मान करत हे-2,रखते इज्जत कूल
मोर छत्तीसगढ़ के कोरा में -----------------------।
छत्तीसगढ़ के कोरा में संगी,छत्तीसों भाषा हाबे
इंहा के जइसे भाखा बोली, अऊ कहां तै पाबे
किसम किसम के भासा बोली-2,सब मिल जाथे घूल
मोर छत्तीसगढ़ के कोरा ---------------------------।
हीरा कस हे-------------------------------------------।।

रचना 

महेन्द्र देवांगन माटी 

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