हाईकू 1

हाईकू
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(1)
आया सावन
झूमें मनभावन
लगे पावन ।
(2)
छा गई घटा
कुहरों से है पटा
निराली छटा ।
(3)
भीगी पलकें
सावन सा झलके
कराह हल्के ।
(4)
भीगता तन
विचलित सा मन
अपनापन ।
(5)
भागते लोग
सुविधाओं का भोग
करते योग ।
(6)
निकले पेट
जमीन पर लेट
बैठते सेठ ।
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ले   रचना
महेन्द्र देवांगन माटी 

( बोरसी - राजिम वाले )
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला  - कबीरधाम ( छ ग )
mahendradewanganmati@gmail.com

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