गीत - सबके भाग ह जागे

गीत -सबके भाग ह जागे
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रिमझिम रिमझिम गिरे पानी - 2, बरसा के दिन आगे
नांगर बइला खेती किसानी, सबके भाग ह जागे -2
बड़े बिहनिया मंगलू कका, नांगर ल सिरजाये
रापा कुदारी धरके चैतु , खेत में अपन जाये
बासी धरके चलीस बिसाखा-2, अब्बड़ सुघ्घर लागे
नांगर बइला खेती  .............................
सरसर सरसर हावा चले , पेड़ घलो लहराये
टरर टरर मेचका करे, कोयली गाना गाये
फरर फरर उड़े फांफा-2, बतर कीरी आगे
नांगर बइला खेती ...............................
   कूकरा बासत उठ के पकलू, खातू ल बगराये
हरियर हरियर खेत दिखे अब, धान पान लहराये
नवा नवेली दुल्हन सहीं -2, खेतखार अब लागे
नांगर बइला खेती  .........................
रिमझिम रिमझिम गिरे............................
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रचना
महेन्द्र देवांगन माटी

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